8TH SEMESTER ! भाग- 66( Three Black Dogs-3)
"अबे चल भाग चलते है...बिना पैसे दिए..."
"सच मे..."मै भी फुसफुसाया
"हां..."
"एक मिनट. भैया, बाइक आगे बढ़ाकर पैसे देता हूँ... "बोलकर मैने बाइक कम स्पीड मे थोड़ा आगे कि और फिर ज़ोर से एका एक एक्सेलरेटर बढ़ाया.... रात को उस समय पेट्रोल पंप पर वो अकेला ही था.. वो हमें पकड़ता कि पेट्रोल पंप संभालता...🤣अपनी इस हरकत पर हम तीनो ही पेट पकड़ कर हंस पड़े.. और इस कदर हँस रहे थे कि बाइक का बैलेंस तक बिगड़ने लगा...
हँसते-खेलते, सड़क पर चल रहे लोगो को गरियाते हुए हम तीनो bar पहुचे...बार का नेम था" इंपीरीयल ब्लू...."
"आए, साला ये तो दारू के नाम पर बार का नाम है..."अरुण बाइक से उतरकर बोला,
Bhu अब भी बाइक पर सवार था और जैसे ही वो बाइक पर से उतरा,धडाम से ज़मीन पर गिर गया....
"अबे साले, भोपु...ऐसी पांडू हरकते करेगा तो बार वाले अंदर नही घुसने देंगे..."
"मैय्या ठोक दूँगा सबकी... "अपना एक हाथ बार की तरफ करके बाहर खड़े बाउंसर कि तरफ bhu ने इशारा किया
"मज़ाल क्या किसकी... जो स्वयं मुझे अंदर जाने से रोके... वध कर दूंगा सबका.."
"ओये अरुण, ये खुद को जंगल का राजा तो नहीं समझ रहा.. वेलकम पार्टी वाली रात कि तरह..??"
"मेरे को भी यही लगिंग...चल आ जा अंदर चलते है... पेलाएगा तो बोल देंगे कि ये हमारे साथ नहीं है.. सडक के किनारे भीख मांगते हुए हमें मिला था तो इसे दारू पिलाने यहाँ ले आए...."
Bhu के बाए साइड मे मैं और दाए साइड मे अरुण खड़ा हुआ, हम दोनो ने उसे पकड़ रक्खा था,ताकि वो बार के पहलवानो के सामने आंडू -पांडु हरकते ना करे.....हमारा प्लान कामयाब रहा, हम तीनो बिना किसी रोक टोक के अंदर घुसे....मैं पहली बार किसी डिस्को बार के अंदर आया था,इसलिए मैं हद से ज़्यादा उत्साहित था. आज तक सिर्फ फिल्मों मे देखा था.. दारू के नशे मे लोगो को झूमते हुए और हमेशा से ही पव्वा मारकर संगीत कि धुन मे झूमने वाली लड़कियो को देखने कि मेरी दिली इच्छा थी.
दरअसल दिली इच्छा तो ये थी कि एकदम फिल्मी स्टाइल मे जो भी हॉट आइटम नशे मे दिखे,उसके साथ डांस करना चाहता था....मैं अंदर आकार अभी ये सब सोच ही रहा था कि हमारे जंगल के राजा bhu महाशय ने अपने जीभ को दो उंगलियों से दबाते हुए जोरदार सीटी बजाई और जहाँ वो खड़ा था, वही उसने एकदम अजीब तरीके से नाचना शुरू कर दिया.. जिसे हमलोग लंगर डांस भी कहते थे.
कुछ लोग जो दारू पीकर डांस करने मे बिज़ी थे, उन्होने तो कोई गौर नही किया...लेकिन वहाँ बहुत से लोग मतलब कि कपल्स ऐसे थे जो टेबल पर या दारू काउंटर पर बैठकर आराम से बाते कर रहे थे... अपनी सेटिंग जमा रहे थे. वो सभी bhu की इस हरकत पर हंस पड़े.....एक और चीज़ जो मैने नोटीस कि वो ये कि वहाँ सबसे खराब कपड़े हमी तीनो के थे... बार मे काम करने वाले वेटर्स तक ने भी चमचमाता हुआ सूट पहन रक्खा था...... 3 black dog पीकर तो हम तीनो वैसे भी टल्ली थे,इसलिए जहाँ छोटे-छोटे ग्लास मे दारू मिल रहा था ,हमने उस तरफ देखा तक नही... क्यूंकि इतना कम दारू पीना तो हमारी शान के खिलाफ था... इससे ज्यादा तो हमलोग एक बार मे मूत देते है..इसलिए हम तीनो सीधे आकर एक टेबल पर बैठ गये.....
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"Excuse me, sir.. Would you like something to eat or drink....." सफेद सूट पहने हुए एक शक्स हमारे पास आया,
"मेरा नाम है अरुण..."अरुण ने उसको देखकर कहा"ये है अरमान, और ये है bhu..इसका वैसे पूरा नाम भूपेश है, लेकिन शॉर्ट मे हमलोग इसे भू कहते है... Bhu.. Bole to बी. एच. यू.... समझें...?"
"ओके..."
"ये है अरमान ,इसे प्यार से लोग अरमान ही कहते है..."
"ओके "
"और मैं हूँ अरुण ,मुझे भी लोग प्यार से अरुण ही कहते है..."
" Nice to meet you, sir.. Would you like something..?? "
"हां चाहिए ना..."
"क्या..."
"तीनो के लिए भरपेट पानी ला..lol ."अरुण के इतना बोलते ही हम तीनो ज़ोर से हंस पड़े,...
"Nice joke, Sir.. Anyway... What kind of water you want me to....."
"अभिये हचाक से पेल दूंगा तुझे..., तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,हमारे सामने ज़ुबान खोलने की, भाग जाओ यहाँ से वरना हम तुम्हे मौत की सज़ा देंगे... हम राजा है जंगल के..."bhu एकदम शान से अपनी मुछो पर ताव देता हुआ टेबल पर अपना पैर रखा और राजा वाली स्टाइल मे गर्व से बोला.. जबकि ना तो वो राजा था और ना ही उसकी मुछ आयी थी...
"गार्ड्स...."उसने बाहर खड़े पहलवानो को आवाज़ दी और उसके तुरंत बाद हम तीनो को वहा से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया
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हम तीनो को अपनी ये बेज़्जती बर्दाश्त नही हो रही थी कि ,किसी ने हमे धक्के मारकर....एक ने तो लात भी मारी थी, bhu को... खैर, तो हमें ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था कि किसी ने हमें धक्के मारकर बाहर निकाल दिया,..मूड तीनो का खराब था,लेकिन क्या करे,हम मे इतनी ताक़त भी तो नही थी कि बाहर खड़े उन पहलवानो को पेल सके...लेकिन उन्हे मारे बिना दिल भी बेचैन हुआ जा रहा था,... Afterall, मै वो लड़का था.. जिसने कॉलेज मे 7 साल सीनियर को पेला था... अहंकार तो था ही...
"अबे मैं बाइक चलाता हूँ,तुम दोनो एक-एक पत्थर उठा लो..."एक दम धीरे से अरुण बोला"और जब बाइक पर बैठ जाए, तो पूरी ताक़त से उन गार्ड्स पर पत्थर फेक देना, इन बकलोलो का सर फॅट जाना चाहिए... रोड नहीं नहीं अभी मेरे पास नहीं तो पीछे से डालकर आगे से निकाल देता...."
अरुण ने बाइक की हैंडल संभाला और मैं, bhu के साथ पत्थर ढूँढने सडक के दूसरी तरफ गया. क्यूंकि यदि वही से पत्थर उठाते तो वो बाउंसर समझ जाते कि इसके आगे हमलोग क्या करने वाले है और फिर से पकड़ के पेल सकते है.. इसलिए अपुन ने दिमाग़ लगाया और मूतने के बहाने सडक के दूसरी तरफ गये... पहले उन बाउंसर्स कि तरफ ही खड़े होकर मूत्र विसर्जन किया और फिर हिला -हिला कर मैने और bhu ने उन दोनों बाउंसर्स को आवाज़ देते हुए चिढ़ाया भी.. अरुण तब तक अपनी गाडी थोड़ा आगे कर चुका था.... मै और bhu पैंट नीचे गिराकर तब तक सडक के दूसरी खड़े बाउंसर्स को चिढ़ाते रहे जब तक कि उन्होंने अपनी नजरें दूसरी तरफ नहीं कर ली और उनके ऐसा करते ही मैने bhu से कहा...
"जल्दी -जल्दी उठा पत्थर.. नहीं देख रहे वो..."
उसके बाद हमने बिल्कुल वैसा ही किया, मैने और bhu ने उन बाउंसर्स के वापस मुड़ने से पहले पत्थर उठाया पत्थर उठाया और मुट्ठी मे पत्थर को दबाये जहा अरुण ने बाइक खड़ी की थी सीधे वहा गये.....
"स्टार्ट करके.. घुमा बाइक..."बीच मे बैठे bhu ने अरुण से कहा...
अरुण ने बाइक स्टार्ट कि और घुमाकर वापस bar कि तरफ ले जाने लगा... Bar के ठीक सामने जहा वो दोनों बाउंसर्स खड़े थे... अरुण ने बाइक रोकी और बाइक रुकते ही हमने उन बाउंसर्स पर उनको माँ -बहन कि गालिया ददेते हुए पथराव शुरू कर दिया... उन दोनों को हमने कहा -कहा मारा ये तो अब अच्छे से याद नहीं.. लेकिन उन दो मे से एक का सर जरूर फट गया था.. क्यूंकि bhu ने बैक तो बैक उसके सर को निशाना बनाया था... अरुण ने बाइक स्टार्ट ही रखी थी और जैसे -जैसे हमलोग पत्थर मारते जा रहे थे.. अरुण बाइक आगे बढ़ाते जा रहा था और जब पत्थर ख़त्म हुआ तो... अरुण ने बाइक कि स्पीड फुल कर दी... और एक बार फिर हम तीनो अपना पेट पकड़ कर अपनी इस हरकत पट हँस रहे थे.. क्या मारा सालो को, अब रोज ऐसे ही मारूंगा सालो को... Bar दिन, हर रात... इनके माँ -बहन.. बाप -भाई कि भी शिनाख्त काटके उनको भी पेलुँगा ऐसीच... साले, श्री अरमान से पन्गा लेंगे...
Bar के अंदर और बाहर हुए काण्ड के बाद अब हमारा कहीं और जाने का प्लान नही था,इसलिए अरुण ने बाइक सीधे हॉस्टल ले जाने वाले सडक कि तरफ मोड़ दिया...
"यार अरमान, दीपिका मैम को कॉल लगाकर बुला,साली को पेलते है आज... उस साली कुतिया ने बड़ा टफ viva लिया था..."बाइक चलाते हुए अरुण ने कहा...
"नंबर नही है साली का..."
"मेरे पास है...."bhu ने जेब से तुरंत मोबाइल निकाल कर मुझे दिया.....
उस वक़्त मैं 80-90 की स्पीड मे शराब पीकर बाइक पर सवार था, ना तो मुझे वक़्त का अंदाज़ा था और ना ही किसी और चीज़ का...उस वक़्त जो मन मे आए,मेरे लिए वही सही था...जो भी अरुण और bhu मुझे करने के लिए बोल रहे थे.. वो मेरे लिए पत्थर कि लकीर के समान था. इसलिए मैने दीपिका मैम को इतनी रात मे call किया और जब दीपिका मैम ने कॉल नही उठाया तो मैने भूपेश को उसका मोबाइल वापस दे दिया और शांत होकर आँखो मे पड़ रही मस्त हवाओं का आनंद लेने लगा...लेकिन इस दौरान bhu लगातार दीपिका मैम को कॉल किए जा रहा था और फाइनली दूसरी तरफ से किसी ने call रिसीव किया..
"ले,ले... ले बे ...धर "चलती बाइक मे bhu ने अचानक मोबाइल फेका... जो अचानक ही मेरे हाथ मे फंस गया.. वरना इस स्पीड से मोबाइल यदि नीचे गिरता तो उसका काम हो ही गया था लगभग -लगभग
"क्या हुआ..."मैने पूछा
"तेरी कुतिया, दीपिका ने कॉल उठा ली है , बुला साली को... हॉस्टल के पीछे.. तीनो मिल के लेंगे उसकी..."bhu बोला
"हेलो..."
"हेलो..."
"हेलो..."मैने एक बार फिर हेलो कहा...
"कौन है..."उसने अपनी आवाज़ तेज़ करके कहा...
"चिल्ला क्यों रही है..?? किसी के साथ बिस्तर ओर थी क्या.. जो मेरे call करने से डिस्टर्ब हो गई..??.."मैने भी आवाज़ तेज़ करके कहा, उस वक़्त मुझे ज़रा भी अंदाज़ा नही था कि मैं किससे और किस तरह से बात कर रहा हूँ....
"कौन है... बद्तमीज .."वो फिर चिल्लायी और अबकी बार और भी तेजी से..
"मैं हूँ,जिसने लैब मे तेरे लबों को चूसा था... नाम है ~Shri Arman... A -R- M- A- N... Not A- R- M-A -A- N.... सिंगल A"
"अरमान...?"उसने थोड़ा रुक कर धीरे से जवाब दिया...
"यस, आजा हॉस्टल ,पेलने का मन है तुझे ...."
उसके बाद पता नही क्या हुआ, मैं उसे बोलता ही रहा आने को लेकिन इस बीच वो कुछ नही बोली, थोड़ी देर बाद मुझे मालूम चला कि उसने कॉल बहुत देर पहले ही काट दी थी, उस साले डेढ़ फुटिया bhu ने एक बार फिर उसका नंबर लगाया,लेकिन अब उसका नंबर स्विच ऑफ था....
"क्या बे ,कही वो नाराज़ तो नही हो गयी..."उदास होते हुए मैने कहा...
" यही तो प्यार है पगले....राइट साइड वाला.... कही भी जाएगी, लौटकर लैब मे तुझे ही बुलाएगी... "एक्सेलेरेटर और बढ़ाते हुए अरुण बोला...
Barsha🖤👑
26-Nov-2021 06:02 PM
बहुत खूबसूरत भाग
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Fiza Tanvi
08-Oct-2021 05:10 PM
Good
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Niraj Pandey
07-Oct-2021 01:48 PM
👌👌👌
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